करवा चौथ हिन्दुओं का त्यौहार है।
करवा चौथ सुहागन स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है।
करवा चौथ के दिन महिलाएँ शिव पार्वती और गणेश जी की पूजा करती है।
इस दिन महिलाएँ व्रत रखती है।
पत्नियों द्वारा यह व्रत अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाता है।
इस दिन पत्नियाँ दुल्हन की तरह सजती है।
करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं निर्जल व्रत रखती है।
करवा चौथ का व्रत चाँद को देखने के बाद ही तोड़ा जाता है।
करवा चौथ के दिन महिलाएं छलनी में चाँद और अपने पति को देखकर व्रत तोड़ती है।
करवा चौथ को करवा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
यह व्रत पति और पत्नी के प्रेम को और बढ़ाता है।
करवा चौथ का व्रत हर वर्ष अक्टूबर और नवंबर महीने में मनाया जाता है।
यह त्यौहार पूरे भारत में ख़ुशी से मनाया जाता है।
इस त्योहार में विवाहित महिलाएं व्रत रखकर अपने पति की लम्बी आयु और उनके लिए सुख-शांति की कामना करती हैं।
करवा चौथ के दिन, महिलाएं सुंदर साड़ी पहनती है और सुंदर शृंगार करती हैं।
इस दिन पर पति अपनी पत्नी को उपहार देकर उसके प्यार को महसूस कराता है।