वसंत ऋतु, भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्च से लेकर मई के बीच की तीन महीने की एक ऋतु है। यह ऋतु सुंदर फूलों, हरियाली, और मनमोहक मौसम के साथ आती है। वसंत ऋतु को सुंदरता और नयापन की ऋतु के रूप में जाना जाता है।
वसंत ऋतु का आगमन सामान्यत: फरवरी और मार्च के बीच होता है, जब सर्दी का समाप्त होता है और तापमान में वृद्धि होती है। इस समय पेड़-पौधे नए पत्ते और फूलों से भरने लगते हैं, और हरियाली से दृष्टि को भी एक नया सौंदर्य मिलता है। इससे वातावरण में एक नयी ऊर्जा और ताजगी का माहौल बनता है।
वसंत ऋतु में होने वाले विभिन्न त्योहारों को भी बड़े हर्ष से मनाया जाता है, जैसे होली और वसंत पंचमी। होली, रंगों का त्योहार, लोगों को एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशी मनाने का अवसर प्रदान करता है। वसंत पंचमी पर बसंत पंचमी का आयोजन किया जाता है, जिसमें सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी के साथ गुरुकुलों और विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
वसंत ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग बाग-बगिचों, पार्कों, और अन्य हरित क्षेत्रों में जाकर समय बिताते हैं। यह एक आनंददायक और रमणीय समय है, जब प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
बसंत ऋतु बहुत ही सुहावनी ऋतु होती है।
बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है।
शीत ऋतु के बाद बसंत ऋतु का आगमन होता है।
बसंत ऋतु का सीजन फरवरी मार्च में आता है।
बसंत ऋतु में न तो ज्यादा ठंडी होती है और न ही ज्यादा गर्मी होती है।
इस ऋतु में कई प्रकार के फूल खिलते है।
इस ऋतु में चारों तरफ हरियाली होती है।
बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
बसंत ऋतु हर साल शीत ऋतु के बाद आती है।
इस ऋतु में प्रकृति में नए-नए फूल खिलते हैं और पेड़-पौधे हरियाली से भर जाते हैं।
इस ऋतु में तापमान में भी सुधार होता है और मौसम सुहावना बन जाता है।
बसंत ऋतु में प्रकृति में नए-नए फूल और पत्तियाँ खिलती हैं, जिससे सारा वातावरण हरित बन जाता है।
बसंत ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक पर जाते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं।
यह मौसम किसानों के लिए महत्वपूर्ण मौसम होता है।