चिंताओं का बोझ
चिंताओं का बोझ एक विद्वान ने कहा था- जो जहाज बंदरगाह से चलने के लिये तैयार खड़ा हो उसमें यदि जरा भी सोचने की बुद्धि हो तो वह बंदरगाह से एक इंच भी आगे न जाये। वह तो सागर से उठती हुई ऊंची लहरों को देखकर ही डर जाता, उसके मन में यह विचार आता … Read more